"परिवर्तन ही सृष्टि है, जीवन है। स्थिर होना मृत्यु है, निश्चेष्ट शांति मरण है। "
- जयशंकर प्रसाद
"हमारी डिग्री हमारा सेवा भाव, हमारी नम्रता, हमारे जीवन की सरलता है। अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जागृत नहीं हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है।"
- मुंशी प्रेमचंद
"आत्मसम्मान की रक्षा हमारा सबसे पहला धर्म और अधिकार है।"
- मुंशी प्रेमचंद
"सौभाग्य उसी को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचलित रहते हैं।"
- मुंशी प्रेमचंद
"क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है।"
- मुंशी प्रेमचंद
"डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है।"
- मुंशी प्रेमचंद
"महत्त्वाकांक्षा की मोती निष्ठुरता की सीपी में पलता है।"
- जयशंकर प्रसाद
"अन्याय होने पर चुप रहना अन्याय करने के ही समान है।"
- मुंशी प्रेमचंद
"धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।"
- कबीरदास
“मौन भी अभिव्यंजना है/ जितना तुम्हारा सच है/ उतना ही कहो।”
- अज्ञेय
इश्क सिर्फ़ मुर्दों को नहीं होता|
- इस्मत चुगताई
स्त्री के लिए प्रेम का अर्थ है कि कोई उसे प्रेम करे|
- भुवनेश्वर
"मैंने शहर को देखा और मुस्कुराया वहाँ कोई कैसे रह सकता है यह देखने मैं गया और वापस न आया।"
- मंगलेश डबराल
प्रीत करे तो ऐसी करें, जैसे करे कपास| जीते जी वो तन ढके, मरे भी रहे पास||
- कबीरदास
"गलत से गलत वक़्त में भी, सही से सही बात कही जा सकती है।"
- कुँवर नारायण
"प्रेम ने मनुष्य को मनुष्य बनाया ! भय ने उसे समाज का रूप दिया! अहंकार ने उसे राष्ट्र में संगठित कर दिया !"
- अज्ञेय
जब हम कोई काम करने की इच्छा करते हैं तो शक्ति अपने आप ही आ जाती है।
- मुंशी प्रेमचंद
"Every moment is a fresh beginning "
- - T.S. ELIOT
"Your mind is the garden, your thoughts are the seeds, the harvest can either be flowers or weeds"